क्या कोई बीजेपी समर्थित आईटी सेल है जो दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया ताक़त बनकर उभरी है ? वह कौंन हैं जो एक संगठन का रूप लेकर देश की दशा बदलकर एक दिशा देने का काम कर रहे हैं…
सन 2012 को याद करें जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात की बागडोर लेकर चल रहे थे। उस समय सोशल मिडिया में गुजरात को विकास के एक मॉडल के रूप में जमकर प्रचारित किया जा रहा था। साथ ही देश की जनता दूसरे प्रदेशों के मुख्यमंत्री को नरेंद्र मोदी के पदचिन्हों पर चलने उनके जैसे विकास के मॉडल से सीख लेने के संदेश साझा कर रही थी। नरेंद्र मोदी के अगुवाई में गुजरात के विकास की चर्चा देश- विदेश में होने लगी थी। बीजेपी का चेहरा शुरू से ही सॉफ्ट हिंदुत्व समर्थक के रूप में जाना जाता है, बीजेपी की ओर से इसको आगे ले जाने में नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा योगदान माना गया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी खुले मंचो से हिंदुत्व समर्थन पर जमकर बोला करते थे। आम जनमानस में पनप रही हिंदुत्ववादी विचार धारा कितना गहरा प्रभाव डाल रही है यह तबकी यूपीए सरकार समझ नही पाई। इसके अलावा उस समय की कमजोर कड़ियों में यूपीए में हो रहे घोटालों से सरकार के प्रति नकारात्मकता बड़ती जा रही थी।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से सोशल मीडिया का सबसे बेहतर उपयोग मोदी ने किया है। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री बनने के सफर में उनका यह झुकाव आज भी पहले जैसा कायम बना हुआ है। सोशल मीडिया का कब और किस जगह बेहतर उपयोग हो सकता है उसके सभी बिंदुओं से मोदी अच्छे से परिचित हैं।
अब हम अपने मुख्य विषय की तरफ आते हैं। आईटी सेल क्या है और यह कैसे काम करती है।
भारतीय जनता पार्टी की टीम में शामिल आईटी सेल लड़ाका कौंन है ? ऐसा समझिए एक विचारधारा ने जन्म लिया, हम उसको आईटी सेल का नाम दे सकते हैं।
एक समय ऐसा था जब देश मे हिंदुत्व केंद्रित मुद्दों पर सबसे ज्यादा लिखा जा रहा था वहीं दूसरी तरफ एक तबका यूपीए और उसके जैसे विचारधारा से जुड़ी पार्टियों का समर्थक था। एक तरफ दक्षिण पंथी विचार धारा थी तो दूसरी तरफ बामपंथी विचार आपस मे जाकर टकरा रहे थे। मोदी टीम इस सब पर बराबर नजर बनाकर चल रही थी। एक समय ऐसा आया जब सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाला हर दूसरा व्यक्ति आईटी सेल लड़ाका बनकर काम कर रहा था। समय बड़ता गया। सन बदला। लोगों के मन मे विचार पनपने लगे कि हो न हो यह व्यक्ति आईटी सेल से है। इस विचारधारा से जुड़े रहकर लिखने वालों के मन मे एक ही उद्देश्य था। जैसे भी हो मुझे मुख्य आईटी सेल की टीम में शामिल होना है। धीरे धीरे इस तरह की सोच रखने वालों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। इतनी संख्या में मानदेय पर रखना तब भी संभव नही था और न आज के समय यह सब संभव हो सकता है।
उसी दौर में 4G युग की शुरुआत होती है। हम इसपे न जाकर के 4G की शुरुआत किस उद्देश्य के साथ हुई। इसकी प्लानिंग कैसे बनी। इस पर जाएं तो उसके लिए कहने को बहुत है। पर हम इस पर न जाकर अपने मुद्दे पर आते हैं।
उस समय सोशल मीडिया से जुड़ा हर वो वर्ग जो यहां दस्तक दे रहा था उसकी अपनी पसंद से जुड़े विषयों के साथ राजनैतिक मुद्दों पर पैनी नजर बनी रहती थी।
हाँ तो हम आते हैं आईटी सेल टीम पर जो मानदेय पर काम कर रही थी। उस दौर में जो भी राजनैतिक मुद्दों पर लिखता उसका मकसद उसके लाभ लेना होते थे। बहुत कोशिशों के बाद भी यह समझना नामुमकिन रहता कि यह मुख्य आईटी सेल से जुड़ा व्यक्ति है। उस समय यह कश्मकश अपने चरम पर थी। दरअसल उस समय ऐसा कोई भी व्यक्ति नही था जो मानदेय लेकर आईटी सेल में काम कर रहा था। उस दौर में एक विचार धारा ने ऐसा रूप धारण किया जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में देश की सबसे बड़ी ताकत बन गई थी।
एक समय ऐसा आया जब इस सबके संचालन के लिए टीम तैयार की जाती है। इसमें चयन प्रक्रिया के लिए चेहरे पहले से स्पष्ट थे। थोड़े समय जाकर टीम तैयार हो जाती है। इसमे किसी `को कुछ समझाने की जरूरत महसूस नही होती। साथ मिलकर पनपी विचारधा1रा को बनाने वालों के हाथों में संचालन तय होता है।