सागर जिला में गैस रिफ़िलिंग का अवैध कारोबार को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इस पर कार्रवाई करते हुए खाद्य जिला विभाग के सघन अभियान में ग्राम चितौरा में तीन दुकानों पर छापामार कार्रवाई में 16 घरेलू सिलेंडर जब्त किए गए हैं। अवैध कारोबार करने वालों के सबंधित थाना क्षेत्रों और खाद्य विभागों से मिलीभगत कर इसे चलाने के आरोप लगे थे। मैंने खबर में लिखा था अगर मिलीभगत है तो यह बड़ा दुर्भाग्य है।
जानकारी के लिए बता दें सागर जिला से होकर गुजरने वाले NH 44 राष्ट्रीय राजमार्ग ललितपुर से लेकर नागपुर सीमा के 500 – 600 किलोमीटर के सड़क मार्ग में गैस रिफिलिंग यहां सबसे बड़ा अवैध कारोबार है। वर्षों से यहां खुलेआम धड़ल्ले से यह अवैध कारोबार फल – फूल रहा है। इसके चलते पिछले वर्ष इस कारोबार का मुख्य सरगना माने जाने वाले जिस पर अवैध गैस रिफिलिंग के और भी मामले बन चुके हैं उस आशीष जैन और जिनेन्द्र जैन का घर और दुकान भयंकर आग की चपेट में आ गया था। जिसे फायर बिर्गेड की कई गाड़ियों ने मिलकर काबू पाया था। सुरक्षा के लिहाज से सिलेंडर को रिफिल कराना बेहद खतरनाक माना जाता है। इतना ही नहीं गैर कानूनी होने के साथ ही सरकार के राजस्व को इससे चूना लगाने का काम किया जाता है। गैस रिफिलिंग के लिए दर्जनों घरेलू सिलेंडरों को ब्लैक में लेकर उन्हें गुप्त तरीके से स्टोर करके रखा जाता है। इसके पहले भी ऐसे सिलेंडरों की कई बार धर पकड़ और जब्ती हुई है। ग्राम चितौरा के ग्रामीण इस सबके चलते भयभीत बने रहते हैं। ग्रामीणों के आरोप हैं कि इस लाखों के अवैध कारोबार के संचालन के लिए बाकायदा महीना कमीशन के रूप में दिया जाता है जिस कारण यहां खुलेआम बेखौफ यह अवैध कारोबार लंबे समय से चलता आ रहा है।
इसका उपयोग NH 44 के इस लंबे रुट से सफर करने वाले ट्रक वाहन चालकों द्वारा खाना पकाने के लिए किया जाता है। ग्रामीणों के बताए अनुसार एक अनुमान के मुताबिक एक दिन में यहां से घरेलू उपयोग से छोटे 200 से 300 सिलेंडरों में अवैध तरीके से गैस रिफिलिंग करके दिया जाता है। ग्राम चितौरा से गुजरने पर आपको फॉर लाइन से लगी तमाम दुकानों पर दर्जनों छोटे खुले में सिलेंडर रखे मिल जाते हैं। जिन दुकानों पर यह सिलेंडर बिक्री के लिए रखे रहते हैं प्रायः वे ही अवैध रूप से गैस रिफिलिंग का काम करते हैं। इसको घरों में छुपकर साथ ही आप कई दुकानदारों को खुले तौर पर गैस रिफिलिंग करते देख सकते हैं। आज हुई इस कार्रवाई को निश्चित प्रशासन पर दबाव बनने के चलते माना जा सकता है। क्योंकि ऐसा संभव नही था कि गैस रिफिलिंग की जानकारी खाद्य विभाग और सिविल लाइन थाना पुलिस को नही रहती होगी। यह अवैध कार्य खुलेआम बेधड़क कई वर्षों से सतत चल रहा है। जहां प्रतिदिन अवैध रूप से इतने बड़े रूप में रिफिलिंग होती है। इस कार्रवाई से ग्रामीणों ने खाद्य विभाग का आभार जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि सतत निगरानी और इस प्रकार की कार्रवाई के चलते इस अवैध कारोबार पर पूर्ण रूप से काबू पाया जा सकता है।
सागर के सिविल लाइन थाना अंतर्गत चितौरा में 3745 Km लंबाई के NH 44 राष्ट्रीय राजमार्ग में सबसे बड़ा अवैध गैस रिफिलिंग कारोबार, दुर्घटना को खुला निमंत्रण, खाद्य और पुलिस विभाग बनी बेखबर