सागर जनपद अंतर्गत ग्राम बम्होरी बीका में ‘जल जीवन मिशन योजना’ के अंतर्गत बना गोदाम प्रशासनिक कार्यों की लचरता का दर्शा रहा है। शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय की भूमि पर गुजरात की तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड (TGL) के स्टॉक की शिकायत पर प्रिंसिपल को नोटिस और तहसीलदार द्वारा सील किया जाने की कार्रवाई हुई। इस सबके बाद इस स्टॉक को उठाया नही गया है। जानकारी के लिए बता दें विद्यालय के लिए स्वीकृत भूमि को प्रिंसिपल ने TGL से मिलीभगत कर अवैध रूप से गोदाम बनाने की परमिशन दे दी। यह स्टॉक एक साल से ज्यादा समय से विद्यालय की 5-6 एकड़ से ज्यादा भूमि उपयोग कर रहा है। जहां यह गोदाम बनाया गया है उससे लगकर शासकीय माध्यमिक उच्चतर विद्यालय जिसमे 460 छात्र पढ़ रहे हैं दूसरे छोर पर 50 सीटर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास और पास ही घनी आबादी का गांव बसा हुआ है।
इस भारी स्टॉक के रखे जाने से लेकर लगातार ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। बाबजूद प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत और पंचायत, सरपंच और सचिव के पैसों के लालच के चलते छात्रों और ग्रामीण भय के साए में रहने को मजबूर हैं।
आपको बतादें इस गोदाम से जल जीवन मिशन अंतर्गत लोहे के 150, 200, 250 MM के भारी पाइप और 75, 90, 110 MM के बड़े रॉल पाइप, TGL द्वारा बनाई जाने वाली पानी की टँकियों के लिए उपयोग की जानी वाली सीमेंट, रेता ,लोहा, गिट्टी, जेसीबी, पोकलेन मशीन, आवागमन के लिए ट्रेक्टर, हाईवा, हेवी ट्रक रखे हुए हैं। गोदाम के बगल से होकर विद्यालय जाने के लिए एक मात्र सीसी सड़क है जो TGL के इन वाहनों के Traffic से टूटकर उखड़ चुकी है। इस Traffic के चलते विद्यालय के छात्र कई बार हादसे के शिकार होने से बचे हैं। विद्यालय शुरू होने और छुट्टी होने के समय यहां पर पढ़ रहे 400 से ज्यादा ज्यादा छात्रों के गुजरने के दौरान सड़क पर Less space होने से जाम की स्थिति बन जाती है। ऐसे में गोदाम से होने Warehouse supplies से Students के सामने Heavy Vehicles से जान का खतरा बना रहता है।
Government Higher Secondary School बम्होरी बीका के Teachers, School students, Boys Hostel Students और ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध विधायक प्रदीप लारिया, सरपंच और सचिव से कई बार किया किया गया है। इस मामले ने तूल पकड़ा जब सागर कलेक्टर रहे दीपक आर्य द्वारा Principal को नोटिस दिया गया । इस पर तहसीलदार रोहित रघुवंशी द्वारा 50 हजार का जुर्माना लगाकर तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड को सील किए जाने की कार्रवाई की गई । कुछ दिन बाद कलेक्टर द्वारा इसकी परमिशन की खबरें सामने आईं। जिसकी पंचायत और पटवारी के पास कोई लिखित जानकारी नही दी गई । बड़ा सवाल यह है कि विद्यालय को स्वीकृत 5-6 एकड़ से ज्यादा खेल मैदान को एक वर्ष से ज्यादा समय से उपयोग किया जाकर Heavy warehouse traffic साथ ही स्टॉप की शराबखोरी और अन्य शिकायतों के बाद सामने खड़े इस बड़े खतरे को जानते हुए प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई करने से क्यों बच रहा है।