पुलिस थाना परिसर से 3 साल बाद बरामद हुई 4 करोड़ 50 लाख की हशीश, मुखबिर की सूचना से हुआ बड़ा पर्दाफाश
2020 में दो गाड़ियों से पकड़ी थी 6 करोड़ 50 लाख की हशीश उन्हीं जप्तशुदा गाड़ियों के अंदर 3 साल बाद छिपी मिली लगभग 4 करोड 50 लाख मूल्य की 86 किलोग्राम और हशीश
नरसिंहपुर में अनौखा मामला सामने आया है जिसमें साढ़े चार करोड़ रुपये की 86 किलोग्राम हशीश बरामद हुई है। हशीश कहीं और से नहीं बल्कि पुलिस थाना परिसर से ही बरामद हुई है। इतनी बड़ी मात्रा की हशीश तीन साल से थाना परिसर में रखी हुई थी और किसी को किसी को इसकी भनक तक नहीं थी। है न हैरान करने वाला मामला। दरअसल यह हशीश जिन गाड़ियों से बरामद हुई है वे गाड़ियां करीब तीन साल से थाना परिसर जप्तशुदा खड़ी हुई हैं और कबाड़ में तब्दील हो रही थीं। आपको बता दें कि नरसिंहपुर में अक्तूबर 2020 को नेशनल हाइवे 44 पर घेराबंदी कर एक रिनॉल्ट डस्टर कार क्रमांक टीएन 05 एडबल्यू 0965 और एक टाटा जेस्ट क्रमांक यूपी78 एफडी 5857 से अवैध मादक पदार्थ 117 किलोग्राम ‘‘हशीश” जप्त कर तस्करी में लिप्त 07 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। ‘‘हशीश” को नेपाल बार्डर से स्मगल करके उत्तरप्रदेश के रास्ते चेन्नई की ओर ले जाया जा रहा था। इस मामले में जेल में बंद एक आरोपी की बहन ने गाड़ियों की सुपुर्दगी लेने कोर्ट में आवेदन लगाया था। मुखबिर के माध्यम से पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि 3 साल पहले जप्त हुई गाड़ियों में अभी भी और हशीश है जिसे आरोपियों ने छिपा कर रखा था सूचना मिलते ही पुलिस ने न्यायालय से अनुमति लेकर सातों आरोपियों और डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ‘डीआरआई’ के अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कर गाड़ियों की बॉडी की मैकेनिकल जांच कराई तो पाया कि गाड़ियों की बॉडी को काटकर लोहे का बॉक्स बनाकर तथा टायरों के अंदर हशीश के कुल 86 पैकेट बनाकर रखे हुए हैं जो कि तीन साल से इसी हालत में रखे हैं जिनको जप्त किया गया। आईजी जबलपुर जोन उमेश जोगा तथा नरसिंहपुर एसपी अमित कुमार द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया गया है।