14 सिंतबर लेकर आएगा मध्यप्रदेश और बुंदेलखंड के लिए बड़ी सौगात, प्रधानमंत्री मोदी बीना रिफाइनरी परिसर में
विशाल पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स का भूमिपूजन करेंगे
पांच साल में 50 हजार करोड़ की लागत से बनेगा पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स
प्रोजेक्ट के पूरा में होने से मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
आगामी 14 सिंतबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश और बुंदेलखंड को एक बड़ी सौगात के रूप में सागर जिले के बीना में 50 हजार करोड़ लागत के विशाल पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट का भूमिपूजन करेंगे। बीपीसीएल की रिफायनरी वर्ष 2011 से मध्यप्रदेश के बीना में कार्यरत है। अब इसका विस्तारीकरण कर पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स का निर्माण किया जायेगा। बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड) इस प्रोजेक्ट पर लगभग 50 हजार करोड़ रूपये खर्च करेगी। इस राशि से भारत पेट्रोलियम द्वारा मध्यप्रदेश स्थित बीना रिफाइनरी परिसर में प्रतिवर्ष 2200 किलो टन उत्पादन क्षमता का एक विशाल पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश सरकार का भी पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। परियोजना के तहत क्षेत्र को इंडस्ट्रियल कलस्टर के रूप में विकसित किया जायेगा।
परियोजना की आवश्यकताओं को देखते हुए बीना रिफाइनरी की 7.8 एमएमटीपीए क्षमता का विस्तार कर 11 एमएमटीपीए किया जा रहा है। साथ ही यहाँ उत्कृष्ट तकनीक वाले 1.2 एमएमटीपीए क्षमता के एथलीन क्रेकर कॉम्पलेक्स और डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल संयंत्र की भी स्थापना की जा रही है। लगभग 50 हजार करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना को अगले 5 वर्षों में पूर्ण कर लिया जाएगा। निर्माण के दौरान लगभग 15000 को प्रत्यक्ष तथा दो लाख लोगों को
अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
इस संयंत्र में विभन्न प्रकार के पॉलिमर का उत्पादन होगा, जिनमें LLDPE HDPE और पॉलीप्रॉपलीन के साथ ऐरोमेटिक्स शामिल हैं। आज शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो, जहाँ इन पेट्रोकेमिकल द्वारा निर्मित उत्पादनों का उपयोग न होता हो जैसे पाइप्स, फर्नीचर, कंटेनर ऑटोमोटिव पार्ट्स, मेडिकल उपकरण, पैकिंग मटेरियल, विभिन्न प्रकार के फिल्म, कृषि एवं निर्माण कार्य उपयोगी उपकरण इत्यादि। परियोजना के पूर्ण होने के बाद मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को गति प्राप्त होगी। पेट्रोकेमिकल से संबंधित विभिन्न प्रकार के उद्योग जैसे- फिल्म्स, फाइबर, इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, पाइप्स, बहुपयोगी कृषि व निर्माण कार्य उपकरण आदि के क्षेत्र निवेश को आकर्षित करेगा। इस संयंत्र के आरंभ होने से देश में होने वाले आयात में प्रतिवर्ष लगभग 20 हजार करोड़ रू. के समतुल्य विदेशी मुद्रा की बचत होगी और देश आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होगा। इससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। स्थानीय लोगों का स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने का भी अवसर मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत पेट्रोलियम फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनी है और भारत में प्रमुख एकीकृत ऊर्जा कंपनियों में से एक है, जो कच्चे तेल के परिशोधन और पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन में लगातार कार्यरत है। यह तेल व गैस उद्योग के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करती है। वृहद परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता वाली कंपनियों की श्रेणी में शामिल होकर इस कंपनी ने प्रतिष्ठित ’महारत्न का दर्जा हासिल किया।
भारत पेट्रोलियम की रिफाइनरियाँ मुंबई, कोच्चि और बीना में स्थित है तथा उनकी संयुक्त शोधन क्षमता लगभग 35.3 मिलियन मेट्रिक टन प्रतिवर्ष है। इसके विपणन व बुनियादी ढांचे में इंस्टॉलेशन, डिपो, ऊर्जा स्टेशन, एविएशन सर्विस स्टेशन और एलपीजी वितरकों का एक विशाल नेटवर्क शामिल है। इसके वितरण नेटवर्क के अंतर्गत 21,000 से अधिक ऊर्जा स्टेशन, 6,200 से अधिक एलपीजी वितरक, 525 लूब्स वितरक, 123 पीओएल भंडारण लोकेशन, 53 एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, 70 एविएशन सर्विस स्टेशन, 4 ल्यूब ब्लेंडिंग प्लांट और देशभर में फैली 4 क्रॉस-कंट्री पाइप लाइनें शामिल हैं।
भारत पेट्रोलियम ने अपनी कार्यनीतियों, निवेशों, पर्यावरणीय और सामाजिक महत्वाकांक्षाओं को एकीकृत कर अगले 5 वर्षों में लगभग 7000 ऊर्जा स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। भारत पेट्रोलियम, 2040 तक नेट ज़ीरो एनर्जी कंपनी बनने के लिए विस्तृत रोड-मैप विकसित कर रही है। भारत पेट्रोलियम मुख्य रूप से शिक्षा, जल संरक्षण, कौशल विकास, स्वास्थ्य, सामुदायिक क्षमता विकास और कर्मचारी स्वयंसेवा के क्षेत्रों से संबंधित असंख्य पहलों का समर्थन करके विभिन्न समुदायों के साथ साझेदारी कर रहा है। ’एनरजाइज़िंग लाइव्स के अपने मुख्य उद्देश्य के साथ, भारत पेट्रोलियम की दृष्टि और लक्ष्य प्रतिभा, नवीन अन्वेषण और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने वाली सबसे प्रशंसित वैश्विक ऊर्जा कंपनी बनना है।