रोजाना हंसना ना सिर्फ हमारी सेहत को अच्छा रखता है, बल्कि मन को भी खुश रखता है.. खुशकिस्मत समझें खिलखिलाने हंसने-हंसाने के लिए “मुकेश जैन ढाना” एक वरदान के रूप में सागर विधानसभा में मौजूद हैं
चुनाव के समय इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना होता है किसी पार्टी या उम्मीदवार, जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाना नही होता है
सागर – लीडर बनने के लिए व्यक्ति में जोश और जुनून का होना जरूरी होता है। एक हारे -थके लीडर को लोग कभी पसन्द नही करते हैं। मुकेश जैन ढाना पिछले 30 बर्षों से भारतीय जनता पार्टी हाईकमान के समक्ष सागर विधानसभा से अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अपने ऊपर कभी कोई दबाब बर्दाश्त नही करता है। चूंकि मुकेश जैन पहले पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। आज भी उनका ज्यादा समय मीडियाकर्मियों के बीच गुजरता है। पत्रकार जब कोई खबर बनाता है उसका मकसद खबर के असर पर होता है। जब उठाए मुद्दे पर ध्यान नही दिया जाता। वो उस पर अध्ययन करता है। विषय की गम्भीरता के लिए वह और गहराई तक जाता है। खबर बनाने और उसके असर के लिए की गई कोसिस को लोग पत्रकार द्वारा दबाव बनाना भी कहते देखे जाते हैं। इनकी राजनीतिक शैली में पत्रकारिता के वहीं गुण देखे जा सकते हैं। मुकेश जिस जगह से दावेदारी करते हैं। वो भूल जाकर उस विधानसभा में खुद के पार्टी लीडर के कार्यों में खमिया निकालने लगते हैं। इन सबके बीच इनको लगने लगता है कि मेरे लिए कोई गौर नही कर रहा है ये और अंदर जाकर अपने तरफ ध्यानाकर्षण कराने में ताकत लगाने लगते हैं। मुकेश इतने समझदार तो हैं। शायद उनको इसका अहसास भी रहता है कि मैं किसी भी तरह से सागर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार बनने की योग्यता नही रखता। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की दूरी इनके विश्वास और समर्पण को आँकती हैं। अभी ये झाड़ू को इधर -उधर करते दिख रहे हैं। कुछ जानकार इनके दबाब की राजनीति को खुद के व्यवसाय से जुड़े स्वार्थ सिद्ध करने को मानकर चलते हैं। मुकेश की इस उठापटक में उनकी छवि एक हारे जनप्रतिनिधी के तौर पर बन गई है। उनके साथ खड़े रहने के लिए चंद लोग भी इकट्ठे नही हो पाते हैं। मीडिया से जुड़े लोग उनका उपहास करते देखे जा सकते हैं। इन सबके बीच मुकेश जैन ढाना को खुद के लिए गम्भीरता का लाना जरूरी है। इस बार की दावेदारी के बाद लोगों के पास इनके नाम के चटकारे लेने के लिए फिर से मिर्च मसाले की कोई कमी नही रहने वाली है।