रूस ने अमेरिका को किया चारों खाने चित्त, विश्व की संभावित महाशक्ति बनकर उभरा
रूस और यूक्रेन युद्ध का 17वां महीना चल रहा है। विश्वस्त सूत्र से मिली जानकारी अनुसार रूस अब तक यूक्रेन के करीब 70 हजार से ज्यादा सैनिक मार चुका हैं। 1 लाख के करीब सैनिक बुरी तरह घायल हुए हैं। जो दोबारा युद्ध के मैदान में जा नहीं सकते साथ ही 1 लाख 20 हजार सैनिक सामान्य घायल हुए हैं। इस एक महीने में ही रूस यूक्रेन के 15 हजार सैनिक मार चुका है। इजरायल-हमास के युद्ध ने अमेरिका + नाटो वके ध्यान भटकाने का काम किया है। अमेरिकी सीनेट ने यूक्रेन को फंड देने के राष्ट्रपति बाइडन की अर्जी को “खारिज” कर दिया है। इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की बुरी तरह से फंसते नजर आ रहे हैं। इस युद्ध मे यूक्रेन के ज्यादातर बड़े ‘सैन्य अफसर’ मारे जा चुके हैं। कई देश छोड़कर भाग गए हैं। रूस इस बीच यूक्रेन के बड़े हिस्से को भी कब्जा कर लिया है। वह पूरे यूक्रेन को कब्जाने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इस सबके बीच अमेरिका+नाटो ने जेलेंस्की को मजबूर छोड़ दिया है। इधर मिडिल-ईस्ट में रूस धीरे-धीरे अमेरिका को युद्ध की ‘मकड़जाल’ में फंसाता जा रहा है। चीन इस मौके का फायदा उठाकर ताइवान को अपनी सैन्य शक्तियों से घेराबंदी करना शुरू कर दिया है। मिडिल-ईस्ट में हमास, हिजबुल्ला और हैती उग्रवादी संगठन इरान के ‘इशारों’ से सीरिया और इराक में स्थित USA की सैन्य बैस पर दनादन मिसाइल अटैक कर रहे हैं। आप लोग सुनकर आश्चर्य होंगे कि इजरायल को सुरक्षा देने के लिए भूमध्य सागर में मौजूद अमेरिकी जहाजों पर हैती विद्रोहियों ने “मिसाइलों” से हमला कर रहे हैं। यह युद्ध आगे खिंचता
चला जाए इसलिए रूस, चीन और इरान इन आतंकी संगठनों को हर प्रकार की सहायता कर रहे हैं। इस सबके चलते NATO में भी फुट पड़ गई है। इस युद्ध में अमेरिका बुरी तरह से फंस चुका है। जो दूसरों के लिए जाल बिछाया करता था वो खुद इस सबमे बुरी तरह फंसकर रह गया है।