भारत सरकार द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के उपरान्त पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा राष्ट्रीय जल जीवन मिशन प्रारम्भ किया गया है। इसके माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को घरेलू नल कनेक्शन द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सागर जनपद अंतर्गत ग्राम बम्होरी बीका में ‘जल जीवन मिशन योजना’ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। यदि यह कहा जाये तो शायद गलत न होगा, विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से शासन की यह महत्वपूर्ण योजना अधर में चली गई है । मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक जल जीवन मिशन योजना शामिल है।
आरोप हैं कि ठेकेदारों को भुगतान का एक बड़ा खेल जिले में संचालित हो रहा है। जल जीवन मिशन योजना सिर्फ कागजों में ही सफलता की कहानी गढ़ रहा है। जबकि हकीकत ठीक विपरीत है। विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत, कमीशनखोरी और निष्क्रियता का परिणाम है कि जिले में जल जीवन मिशन अन्तर्गत चल रहे कार्यों को तय मापदंडों के विपरीत मनमाने तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।
ग्राम बम्होरी बीका में जल जीवन मिशन से घर-घर पानी उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार निर्धारित गहराई में खोदाई किए बिना ही पाइप लाइन डाल रहे हैं। इससे भविष्य में परेशानी हो सकती है। यहां खोदाई की गई नाली में डाले गए पाइप से नपती की गई जिसमे तय मापदंडों के अनुसार उसकी गहराई 2.5 फ़ीट होनी चाहिए। लेकिन ठेकेदार वीरेन्द्र सिंह द्वारा इसे एक से सवा फ़ीट गहराई देकर उसमे 4 इंची और 3 इंची के दो पाईप डाले जा रहे हैं। 4 इंची पाईप से सीधी सप्लाई और 3 इंची पाइप से नल कनेक्शन होना है। कम गहराई के चलते पाईप लाइन जमीन से समतल दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीणों ने इसको लेकर ठेकेदार को आगाह कराया पर वह लापरवाही करता जा रहा है। कम गहराई में होने के कारण उस पर कंक्रीट 1 से 2 इंच चढ़ पाएगी इस स्थिति में पाइप लाइन ट्रेक्टर -ट्रॉली, ट्रॅक और डंफरों भारी वाहनों के वजन में दबकर टूट जाएंगे। इसका काम करवा रहे ठेकेदार वीरेन्द्र सिंह ने ग्राम लालेपुर, जसराज, बंनाद और बम्होरी का ठेका लिया है। इस सबकी चेकिंग में जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से ग्राम पंचायत बार संदेह वाली जगहों पर सड़क खुदवा कर चेक कराकर पाइप लाइन की गहराई की जांच की जाए। पाइप लाइन बिछाने के बाद टूटी सड़कों की मरम्मत को लेकर भी गंभीरता दिखाई जाए। ग्राम प्रधान व ग्राम वासियों की ओर से की गई शिकायत को भी जांच में शामिल किया जाना चाहिए।
सागर जिले में पाइप लाइन मानक से सस्ती व गुणवत्ताहीन बिछाई जा रही है। नियमानुसार जल जीवन मिशन योजना में खरीदी गई सभी सामग्री का इस्तेमाल करने से पहले उनकी टेस्ट रिपोर्ट लेना अनिवार्य है। पाइप लाइन की टेस्ट रिपोर्ट पास होने पर ही उसे बिछाने की अनुमति दी जाती है। टेंडर के अनुसार इसमे पाइप केंद्र द्वारा तय कंपनी द्वारा लगाए जाने के निर्देश हैं। पर जल कार्यपालन यंत्री और विभागीय अधिकारियों ने सागर के चनाटोरिया स्थित एक फैक्टरी से खरीदकर लाकर लगाने की परमिशन दे दी है।
आपको बता दें जल जीवन मिशन में गुणवत्ताविहीन कार्यों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए गत दिवस कई ज़िलों के कलेक्टर ने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। जहां कार्य स्थल पर निर्माण गुणवत्ता और कार्यों में देरी को देखते हुए बहुत से ठेकेदारों के कार्यों को निरस्त करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिये गए हैं।
ग्राम बम्होरी बीका की बात करें तो दुर्भाग्य समझिए इसके पहले नल जल योजना के अंतर्गत इस गांव में लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इतने व्यय के बाबजूद कुछ घरों के ग्रामीणों को कभी एक या दो महीने से ज्यादा दिन तक पानी नसीब नही हो पाया है। इस गांव में 2013-14 में वर्ष बनी पानी की टँकी को अभी तक नही भरा जा सका है। पहले पीएचई विभाग द्वारा बनाई गई इस टँकी को जल जीवन योजना से जुड़े अधिकारी फेल बता रहे हैं। इसके अलावा अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत इस गांव में बिछाई गई पाइप लाइन जगह -जगह से टूटकर उपयोग की स्थिति में नही रह गई है। एक अनुमान के अनुसार अकेले ग्राम बम्होरी बीका में 30 – 40 लाख से ज्यादा की राशि का व्यय हो चुका है। इतनी राशि खर्च करने के बाद भी वर्तमान में नल – जल योजना के नाम पर घरों में पानी की कोई सप्लाई नही है।
सागर जिले में इस योजना को लेकर यह हालात यह है कि ज्यादातर काम पेटी कांट्रेक्टर के पास है। पेटी कांट्रेक्टर, मुख्य कांट्रेक्टर व अपनी मार्जिन निकालने के बाद बचत रकम से गुणवत्ताहीन कार्य करने में लगे हुए हैं
आपको बता दें विभाग द्वारा कार्य में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से निर्माण स्थल पर सूचना फलक लगाया जाना अनिवार्य है। बम्होरी गांव में जल जीवन मिशन का काम जारी है। लेकिन यहाँ कहीं भी सूचना फलक नहीं है। बताया गया है कि निर्माण कार्यो की पोल न खुल जाए। ग्रामीण तथ्यों को न जान जाए, इसलिए सूचना फलक नहीं लगाया गया है। बम्होरी में सब स्टैंडर्ड वर्क या निर्धारित मानदंडों से कम गुणवत्ता के कार्य को बेखौफ होकर हो रहा है।
जिले में अधिकारियों का संरक्षण मिलने के कारण अधिकांश कार्यों में खुलेआम गड़बड़िया चल रही है। जबकि शासन प्रशासन जल जीवन मिशन के कार्यों को गुणवत्तापूर्वक करवाए जाने पी एच ई के अधिकारियों को लगातार आदेशित कर रहा है। किन्तु भ्रष्टाचार के चलते विभाग का अमला ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे घटिया और मनमाने कार्यों को बढ़ावा दे रहा है। जिनकी जांच करवाकर निर्धारित मापदण्ड के विरूद्ध कार्य करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध ब्लैक लिस्टेड किए जाने की कार्यवाही की जानी चाहिए। अगर ऐसा ही चलता रहा तो केंद्र की मोदी सरकार ने जो 3 लाख 60 हजार करोड़ रूपए खर्च करना तय किया है वह सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा। इसकी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जहां जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा मिशन की जाँच और सुधार के लिए ऑफिसियल वेबसाइट पर सारी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं दूसरी तरफ विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत, कमीशनखोरी और निष्क्रियता का परिणाम है कि जिले में जल जीवन मिशन अन्तर्गत चल रहे कार्यों को तय मापदंडों के विपरीत मनमाने तरीके से अंजाम दिया जा रहा है।