सागर। दक्षिण वन मंडल की ढाना रेंज के हिलगन गांव में मिले वयस्क नर बाघ की मौत करंट लगने से हुई है। इसकी पुष्टि डीएफओ दक्षिण वन मंडल वरुण यादव ने की है। डीएफओ के अनुसार, इस मामले में 10 से 11 लोगों को पकड़ा गया है, जिनसे फिलहाल पूछताछ चल रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बाघ की मौत का कारण विद्युत करंट बताया गया है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि करंट कहां से और किस उद्देश्य से लगाया गया था।
डॉग स्क्वॉड की मदद से मिली जांच को दिशा (सूत्र)
सूत्रों के मुताबिक, घटनास्थल और आसपास के इलाकों में की गई डॉग स्क्वॉड की सर्चिंग से संदिग्धों तक पहुंचने में मदद मिली। डॉग स्क्वॉड से मिले इनपुट के बाद जांच का फोकस गांव और आसपास के खेतों में अवैध करंट तार बिछाने की आशंका पर केंद्रित किया गया।
इस संबंध में वन विभाग की ओर से कोई विस्तृत आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
48 घंटे बाद मिली थी सूचना, SOP पर सवाल
बताया जा रहा है कि बाघ की मौत के करीब 48 घंटे बाद वन विभाग को इसकी जानकारी मिली थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की एसओपी के अनुसार ऐसी घटनाओं में घटनास्थल को तुरंत सुरक्षित किया जाना चाहिए, लेकिन देरी के चलते साक्ष्य प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
इन धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है
जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे चलकर इस मामले में निम्न धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है—
वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972
धारा 9 – संरक्षित वन्यप्राणी का शिकार
धारा 39 – वन्यप्राणी राज्य की संपत्ति
धारा 49B – वन्यप्राणी अपराध से संबंधित गतिविधियां
धारा 51 – दंड का प्रावधान
(3 से 7 वर्ष तक की सजा और जुर्माना)
भारतीय दंड संहिता (IPC)
धारा 429 – पशु को मारना या अपंग करना
धारा 34 – सामूहिक अपराध
विद्युत अधिनियम, 2003
धारा 135 – अवैध बिजली उपयोग / चोरी
(जांच की प्रगति के अनुसार धाराओं में बदलाव या बढ़ोतरी संभव है)
डीएफओ का बयान
“बाघ की मौत करंट लगने से हुई है। 10 से 11 लोगों को पकड़ा गया है, जिनसे पूछताछ चल रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।”
– वरुण यादव, डीएफओ, दक्षिण वन मंडल











