आईटीसेल का मतलब…
आईटीसेल में कौंन लोग होते हैं, ये कैसे काम करते हैं, यह प्रश्न आज हर किसी के मन मे रहता है। भारतीय जनता पार्टी के विरोधी दल के आरोप हैं कि पर्दे के पीछे सोशल मीडिया पर एक शक्ति है जो इस पार्टी को हर तरह की चुनौतियों से लड़ने का बल देती है। इस संगठन पर झूठे षड्यंत्र रचकर विरोधी खेमे को घेरने के आरोप लगते रहते हैं। इसको सच मानकर चलें, आइए एक आभास कर बीजेपी की इस रहस्यमयी आईटी सेल पर प्रकाश डालने की कोशिश करते हैं।
आईटी सेल विरोधियों द्वारा सरकार घेराव के बिंदुओं को ध्यान रखकर रणनीति बनाती है । इसमे व्यक्ति समझ नहीं पाता कि जो वो कर रहा है वह किसी प्लान का हिस्सा है। जिन्हें इसका आभास है वो सेल के तिलिस्म को तोड़ने में लगे हैं।
आईटी सेल में व्यक्ति की मनोस्थिति अनुसार कार्य होता है। जो सरकार की नीतियों पर राय रखते हैं। उन्हें श्रेणी में रखकर देखा जाता है। सबंधित व्यक्तियों के गतिविधियों से कितना फायदा/ नुकसान हो रहा है उस पर ध्यान दिया जाता है।
व्यक्ति को कैटेगरी के हिसाब से विभाजित किया जाता है। मानसिकता का पैमाना बनाया जाता है। उसे जांचा परखा जाता है। अच्छे और बुरे पर बराबर फोकस करके काम किया जाता है। हर तरह के व्यक्ति का उपयोग करना सिखाया जाता है।
विरोधी दल से जुड़ों के लगातार लिखते रहने की स्थिति में नुकसान पहुंचाने वालों का चुनाव कर ऐसे व्यक्तियों को सांप सीडी जैसे खेल में नीचे से ऊपर ले जाकर फिर नीचे किया जाता है। इस खेल के दौरान सरकार के विरोधियों में से जुड़ा वर्ग भागा दौड़ी करता है। इनमे पार्टी के समर्थक रही बागी टीम भी शामिल रहती है। सेल इन पर बराबर नजर बनाकर रखती है। वह विदेशी और सेकुलर आलोचकों को घेरती है। नेहरुबादी विचारधारा पर नजर रखती है। अर्थव्यवस्था के सुधार पर कार्य करती है। सांप्रदायिक माहौल पर नजर रखती है। कुशाग्र विश्लेषको के बीजेपी के हिंदुत्वादी एजेंडा की नकारात्मक प्रभाव पर नजर रखती है। प्रतीकों की राजनीति बताती है। हिंदूवादी मुद्दे को शर्मिंदगी से ऊपर ले जाकर धर्मावलंबियों की फौज बनाकर भारत की विविधता को प्रदर्शित करती है। इस्लामोफोबिया और हिन्दुफोबिया पर काम करती है।
सुख और दुख जीवन के दो पहिए हैं। जैसे वेंदो में इसका वर्णन है। ठीक उसी प्रकार यदि आप सिस्टम को चला रहे हैं तो आपको सुख और दुख दोनों में तालमेल बनाकर रखना होगा। पहले की सरकार में जो हुआ उसमे कमियां देखी गईं। अब सुख और दुख को तोलकर सुविधाओं को परोसा जाता है। पार्टी से जुड़े रहकर लाभ लेने वालों की सरकार से जुड़े संगठनों में बराबर सहभागिता बनी रहे इस पर नजर बनाकर रखी जाती है।
पार्टी के नाम पर लाभ ले रहे कारोबारी से पार्टी से जुड़े संगठन लाभ लेते हैं।
सरकार के प्रति पनप रही सभी तरह की मानसिकता को ध्यान में रखकर व्यक्तियों का सर्वे किया जाता है। जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्म और आम जनमानस से रूबरू होकर खोजा जाता है। धीरे- धीरे करके वहां विरोधियों की संख्या से कहीं ज्यादा सेल समर्थक शामिल हो गए हैं। अगर विरोध के बाद के परिणाम में लाभ प्रतिशत की संभावना ज्यादा है तो उस गुट को हवा दी जाती है। यह समझना बेहद कठिन है कि सरकार का विरोध करने वाला विपक्ष से है या खुद सरकार मिलकर प्रोपेगंडा चलवा रही है। अधिकतर मामलों में जब परिणाम सामने आते हैं तब खेराव के मुद्दों में विपक्ष खुद के शिकार होने का आभास करता है।
दायरे में सभी रहते हैं। सत्तासीन सरकार के सहयोगियों पर आईटी सेल नजर बनाकर रखती है। निजी स्वार्थ के चलते पार्टी को हो रहे नुकसान को देखा जाता है। नीचे से लेकर ऊपर तक की सहभागिता से लेकर बीच मे पनपे अंतर्कलह को महसूस किया जाता है। विपक्ष घेराव के सभी मुद्दों को बारीकी से देखा जाता है।
विपक्ष के सामने विभीषण के पात्रों की अधिक हो चुकी संख्या से उबरना बहुत बड़ी चुनौती है। चाहे देश हो या विदेश। जहाँ बीजेपी से जुड़ी नीति को लेकर घेराव है। वहां बीजेपी की सेल अपने लड़ाकों को तैनात करके रखे हुए है।
यह सच है की दुनिया का सबसे बड़ा नशा सत्ता में होता है। इसके सामने सारे नशे फीके है। सत्ता का नशा सबसे ज्यादा मदमस्त करने वाला होता है। इस के आगे दौलत, मदिरा तमाम नशे कुछ भी नही ! बड़े-बड़े राजे-रज़वाड़े , सम्राट और साम्राज्य इस नशे के चक्कर में आने के बाद नष्ट- भ्रष्ट हो जाते हैं। यह नशा जब चढ़ता है तो उतरता बड़ी मुश्किल से है।
इस पर ज्यादा नही लिखा जा सकता पर समझकर चलें, एक भावना रखकर जो संगठन को सर्वोपरि रखकर चलता है। सरकार की नीतियों की सकारात्मकता के साथ उपजी नकारात्मकता का आभास कराते हैं। साथ मे हर छोटे -बड़े मुद्दों के लाभ और हानि को अंको के आधार में रिपोर्ट जारी करती है।
जानकर कहते हैं कि आईटी सेल का मतलब एक विशाल समूह जैसे रेत के ढेर का एक-एक कण का बारीकी से अध्ययन करती है। मीलों लगे पेड़ के मन रूपी उड़ते सभी पत्तों के छोर को महसूस करती है। मीठे पानी के सरोवर का रखवाला होने के बाबजूद उसके अंजुल मात्र जल से दूरी रखकर चलती है। आईटी सेल का निर्विवाद होना ही बीजेपी पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है
भाग 2
क्रमशः..
isko samjhana jaroori hai